Tuesday, January 18, 2011

महा मेगा भूत शो खी...खी...खी...

महा मेगा भूत शो
खी...खी...खी...


चारों भूत खिखिया रहे थे। आका आजकल ब्लू मूड में हैं। कहते हैं रीना हो टीना हो जन्नत हो मीना हो कोई भी हो चलेगी। लेकिन चल यार। एक भूत चड़चड़ाया। दूसरा जोर से बुदबुदाया। चारों एक गरीब के छप्पर पर झूल रहे हैं। जैसे वीरू शोले में पानी टंकी पर बसंती के लिये सुसाइड करता दिखता है। कमीनें, तेरा खून चूसेंगे। चारों भूत गब्बर स्टाइल में फुसफुसा रहे हैं। सामने हाथ जोड़े कालिया यानी गरीबी खड़ी है। मैंने तेरा क्या बिगाड़ा भूतनाथ। मैं गरीब, लाचार जनता। पेट में एक अन्न नहीं। तन छुपाने को कुछ नहीं। भूखे बच्चे, पत्नी बीमार। मुंह में बोलती नहीं क्या कहूं सरकार। मेरे भूतनाथ। देह सूख गये हैं। फिर भी क्या मेरा खून ही सबसे सस्ता। खून चूसने का इतना ही शौक है तो जाओ न लालू, नीतीश के पास। एक चारा खाकर आराम में, दूसरे के शरीर में फिर से सत्ता का नया-नया खून। मेरे पास क्या है भूत भाई। जो घर में था सब गिरवी पड़ा है। इंदिरा आवास मांगने गया तो कहां पहले घूस दो। लौट आया खाली हाथ। और तुम भी तब से खाली-पीली मुझे ही डरा रहे हो। जाकर ललित मोदी का खून क्यूं नहीं चूसते। कलमाडी का चूसो। ना हो तो सुषमा बड़ाइक का चूसो। आईजी पीसी नटराजन तो चूसा ही अब जेल में रखकर सरकार चूस रही है तुम भी चूसो। बहुत शोषण की बात कह रही थी। नहीं हो तो बगल में रूपम पाठक मिल जायेगी। आजकल उसका भी राजहंस स्कूल पूर्णिया में बंद है। खाली बैठी है केसरी की याद में बेचारी। चूसो ना टेरेसा कैंलन को। पिछले 90 साल में सबसे कम उम्र की लड़की है जो मिस अमेरिका बनी है। पर चारों भूत भला इन बातों में कहां उलझने वाले। कुछ भी मानने को तैयार नहीं। सब नाच रहे थे, तालियां बजा रहे थे, गा रहे थे जहां चार यार मिल जाये। गरीबी ने डरते हुये पूछा-आप चारों भूत हैं और कहते खुद को यार हैं। हां, हंसते हुये चारों भूत गंभीर हो जाते हैं। ये है मेरा भाई सत्तावाद, दूसरा विपक्षवाद, तीसरा मैं प्रदेशवाद और सबसे छोटा ये समाजवाद। पर हे महानुभावों। मेरे चारों भूतवादों। क्यों मुझ जैसे गरीब के पीछे पड़े हो। क्यों नहीं जाते सट्टेबाजों, दलालों, पूंजीपतियों के पास। नहीं कुछ तो अमिताभ बच्चन के पास। बैठे-बैठे करोड़पति बना देंगे। मुझ जैसे गरीब के पास खिखिया रहे हो, डरा रहे हो। यही चाहता है मेरा आका। चारों हंसते-हंसते इमोशनल हो जाते हैं। तुम्हारा खून चूसेंगे तभी भूत बना रहूंगा। नहीं तो ये खद्दरवाले हमें चूस लेंगे। जैसे रूपम को चूसते थे। पर डरो मत। मैं तुम्हे आराम, आहिस्ता से चूसेंगे। कष्ट नहीं होने दूंगा। तुम्हें पता भी नहीं चलेगा। पता है, किसी को बताना मत, सरकारी फाइल की तरह गोपनीय बात है कि  मैं भी तुम्हारी तरह ही मजदूर था। यह रिक्शा चलाता था। वह कुली था। दिन रात मेहनत करता था। भूखे रहकर परिवार को चलाता था। और, ये हमारा छोटू। मत पूछो। लाखों घूस देकर इसे सिपाही में भर्ती कराया। ताकि समाज में यह न्याय कर सके। समाजवाद ला सके। लेकिन हम सबों के सामने ही खद्दरटोपी वाले के लाल गुर्गों ने इसकी जान ले ली। कहा साले, हमसे बड़े समाजवादी बनते हो तो ले अब गोली खा। बेटी सुनीता से जबरन हुसैनगंज के थानाप्रभारी सुशील कुमार यादव ने शादी कर ली। छह महीने तक मौज-मस्ती कर छोड़ दिया। दबंगों ने हमारी जमीन पर कब्जा जमा लिया। जो बचा हमारी जमीन का अधिग्रहण रेलवे की योजनाओं के लिये हो गया लेकिन सीओ रसीद देने को तैयार नहीं हुआ। कर्मचारी घूस मांगता था। कहता था साहेब को चाहिये। विरोध करने पर पिटाई लगी सो अलग जेल में डलवा दिया। चारों धीरे से ठहाका लगाते हैं लेकिन यह मत समझना हम इन टोपीवालों से डरते हैं। लेकिन भूत भाई। गरीबी फिर गिड़गिड़ाया। मुझे छोड़ दो ना प्लीज। भले मेरी पड़ोसी को चूस लो। क्या मस्त चीज है मेरे भाई। बिल्कुल झकास। नहीं उसे तो चूसेंगे मेरे आका। पर तुम्हें सामूहिक रूप से हम चूसेंगे-खि...खि...खि...। पर आप मत जाइयेगा कहीं। बने रहियेगा मेरे साथ। हां, डरियेगा भी मत। भूतों से हम आपको फिर मिलायेंगे। पूरी लाइव दिखायेंगे। बने रहिये हमारे साथ  महाभूत लाइव शो में खि...खि...खि...।

No comments: