Friday, October 28, 2011

चंडाल के पीछे रा.वन


चंडाल के पीछे रा.वन

पोस्टेड ओन: 26 Oct, 2011 जनरल डब्बा में
जय काली कलकत्ते वाली हमारे परम स्नेही, परम आदरणीय, समाज के अगुआ, भ्रष्टाचारियों के महाकाल, जनता के चरणदास, सत्ता से दूर, विवादों के पिटारा, जर्जर काया, इस उम्र में भी फुल स्पीड रखने वाले, तिरछी टोपीे, चश्माधारी, खद्दरधारी, अलौकिक, चमत्कारी मौनी बाबा का पार लगा दो। बेचारे एक कन्या के मोहजाल में फंस गए हैं। उस विषधारी कन्या ने ऐसा जादू डाला है कि बाबा ब्लॉग लिखने बैठ गए हैं। पहले प्रेम में पागल प्रेमिका की याद में प्रेमी खत में फूल भेजा करते थे। आजकल बाबा धमकी भेज रहे हैं। कहते हैं, निगेटिव कैंपेन के हथियार का फिर से इस्तेमाल करेंगे। अगर शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल के साथ सात फेरे नहीं लेंगे तो किसी को चैन में नहीं बैठने देंगे। खुद बारात लेकर पूरे देश में बैंड बजाएंगे। वैसे, हर देश का किफायती दौरा कर चुकी उस बाला ने बढिय़ा काम तो यह किया कि बाबा का मौन व्रत तुड़वा दिया। अब चीन, जहां पुरुषों से दो कदम तेज ही महिलाएं चल रही हैं का अंदाजा तो बाबा को लगे कि कैसे कन्या ने किफायती यात्रा दर पर पूरे देश का चक्कर लगा आयी और सब माल बोरे में कर ली। इधर, परम स्नेही मौनी बाबा ब्लॉग पर कमेंट तलाश रहे हैं। पहले बारह कमेंट मिले थे कन्या को, अब अठारह और आ गए हैं। किस-किस को क्या जवाब दें बाबा। मौन व्रत में थे तो बारह कमेंट को डिलीट करने के काम पर केजरीवाल को लगाया। मगर सब बेकार गया। बाबा नाराज हो गए। कहा, तुम लोग जूता-चप्पल, लात खाने वाले ही ब्लॉगर रह जाओगे। बेकार में कुछ लिखते, बकते हो। घर बैठो। जैसे प्रशांत अपने कैबिन में पिटे, तुम लोग देश के सामने मेरी टोपी उतरवा दोगे। वैसे ही सरकार हमें चैन में रहने नहीं दे रही। बात-बात पर लपेट रही है। कांग्रेसी, भाजपाई हमें देखना नहीं चाहते और तुम लोग फालतू टॉपिक पर कमेंट ले रहे हो। कन्या ने भरोसा दिलाया, बाबा अब आगे की यात्रा शर्तों पर करेंगे। ब्लॉग लिखने से पहले विषय-वस्तु पर आपसे डिस्कस कर लेंगे। पहले स्लैट पर लिखेंगे फिर पैंसिल से कागज पर उतारेंगे फिर कलम से आप उसे संपादित कर देना, तब जाकर किसी विशेषज्ञ से कंपोज कराएंगे। आपसे करेक्शन करवाए बिना हम कुछ भी न्यू पोस्ट में नहीं डालेंगे। हमारी पहली पारी तो देखो, वीरता पुरस्कार से नवाजी हूं। ऐसे में ब्लॉग पर ज्यादा चर्चित, ज्यादा पठनीय, अधिक मूर्धित तो मैं पहले से ही हूं। 75 फीसदी कामेंट तो पहले ही बंटोर लेती थी लेकिन 25 फीसदी भी दूसरे ब्लॉगर को कमेंट क्यों जाए, इस खेल ने सत्यानाश कर दिया। बाबा, गलती हो गयी। मैंने खोल लिया था एक फर्जी इमेल नंबर। उसी के नाम पर कमेंट भेजने लगी और बन गयी ब्लॉगर आफ द वीक। बाद में इमेल नंबर पर कमेंट भेजने वाला हमारा सबसे वफादार संस्था का मुख्य सरगना का हमसे मोह भंग हो गया। हमसे पल्लू झाड़ लिया। बस, इसी में फंस गयी मौनी बाबा एंड कंपनी लेकिन अब देखना, हम पूरे देश में अनशन करेंगे। उसमें कोई नहीं आएगा। सिर्फ हम, आप व केजरीवाल रहेंगे। इसी बीच, एक पार्टी के दिग्गज ब्लॉगर का कमेंट आ गया, भ्रष्टाचार का पैसा वापस कर दिए जाने से पाप के दाग नहीं धुल जाएंगे मैडम। इसका क्या जवाब बाबा देते सो दाग को चुन-चुन कर मारने के लिए रा.वन को बुला लाए। अब रा.वन चंडाल चौकड़ी से बाबा को बचाने हॉल आफ फेम ब्लॉगरों से संपर्क में हैं। गद्दाफी को अज्ञात स्थान पर दफना दिया, लादेन के शव का पता नहीं चला अब इन चंडालों का पता-ठिकाना लग जाए तो गनीमत है। रा.वन ने चीन से मदद मांगी है। वहां, पति अपनी पति को छोड़ किसी और नारी में अपनी खुशियां ढूंढऩे लगे हैं। रा.वन भी चाहता है कि मौनी बाबा की भी मनोवैज्ञानिक मदद की जाए। आखिर करिश्मा अपने पति से दूर रह ही रही है, फौजा सिंह को गिनीज बुक में झक मारकर जगह मिल ही गयी। दीपावली पर हर आम अपना आर्थिक विकास कर ही रहे हैं। उल्लू को अशुभ मानने वाले बंगाल से प्रेरणा लेकर लक्ष्मी मइया को पटाने में लगे ही हैं तो भला मौनी बाबा उन चार उल्लूओं से क्या पीछा नहीं छुड़ा सकते। अरे मुन्नी बदनाम हो सकती है, शीला जवान हो सकती है, टीम इंडिया सीरीज हारकर फिर से सीरीज पर कब्जा जमा सकती है तो भला आपकी बाला फर्जीवाड़ा क्यों नहीं कर सकती। बाबा, अब तो जाग जाइये मंदिर से बाहर निकलिए, देखिए आपका नशा अब रिक्शा चालकों, डिब्बा वालों पर नहीं है, बच्चों के नाम अब मौनी बाबा नहीं रखे जा रहे, इस देश में दीपावली पर जन्म लेने वाले बच्चों के नाम मां-बाप रा.वन रख रहे हैं। देखिए अभी जन्मा रा.वन आपसे कह रहा है ए बाबा, कैसा शर्माना, आजा नच के दिखा दे, मेरा हो जाए तू चल, बहुत हो लिया अब इंडिया एगेंस्ट करप्शन पर पर्दा गिरा दे।

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10 प्रतिक्रिया
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नवीनतम प्रतिक्रियाएंLatest Comments

akraktale के द्वारा
October 27, 2011
आदरणीय मनोरंजन जी बहुत अच्छा व्यंग है मगर सिर्फ ख़बरों पर मत जाइए. क्योंकि खबरें आजकल चाशनी में डूबा कर पेश की जाती हैं.जिसे ख़बरों द्वारा भ्रष्टाचार बताया जा रहा है वो भ्रष्टाचार नहीं जुगाड़ है और भारत हमेशा से ही जुगाड़ के लिए मशहूर रहा है.
    manoranjanthakur के द्वारा
    October 28, 2011
    सही कहा जुगार ही है बहुत बधाई
alkargupta1 के द्वारा
October 27, 2011
बहुत बढ़िया व्यंग्यात्मक रचना !
    manoranjan thakur के द्वारा
    October 27, 2011
    धन्यवाद श्रीमती अल्कर्जी आपने सराहा
RaJ के द्वारा
October 27, 2011
एक कहावत कुछ सुनी सी दोहराता हूँ चलनी बोले सुई से तेरे पेट में छेद यही हो रहा है सारी राजनैतिक जमात जो भ्रीष्टाचार और अनैतिकता से लोगों का जीना हराम करे है वह चरित्र लांछन लगाकर जनता के कुछ लोगों को गुमराह कर सकती है| मेरा मानना है अध्संख्य जनता मामूली सा भ्रष्टाचार से मज़बूरी में लिप्त है पर ऐसा होने से जनता का आतंकिओं से भी घ्रणित राजनितिक नेताओं के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का अधिकार नहीं छिन जाता | आपकी शैली व् व्यंग पकड़ के लिए बधाई पर विचार मेल न मिलने का दुःख
    manoranjanthakur के द्वारा
    October 27, 2011
    आपने सराहा मेरे लिए यही बहुत है कथय से इतेफाक रखना कोई जरुरी नहीं धन्यवाद
Dr.KAILASH DWIVEDI के द्वारा
October 26, 2011
आदरणीय भाई साहब
सादर अभिवादन !
सार्थक व्यंग्य ………………..बधाई |
    manoranjanthakur के द्वारा
    October 27, 2011
    डॉ साहेब शुक्रिया,धन्यवाद
Dr. SHASHIBHUSHAN के द्वारा
October 26, 2011
मिठाई पर मक्खी मच्छर भिनभिनाते ही हैं, लगता है
आपको भी किसी कांग्रेसी बाला ने हाला की कुछ
बूँदें चटाई है। आप मदहोश हो सकते हैं, जनता नहीं।
    manoranjanthakur के द्वारा
    October 27, 2011
    श्री शशिभूषण जी, किसी का दिल दुखाना मकसद नहीं

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