Friday, January 7, 2011

तू भी तो एक मशीन है...

मशीनें हैं तुम्हारे घर में
गोया, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन...
हां है तो ...?
क्या कभी उसने
तेरा हाल-चाल पूछा ?
पूछा है कभी ...
 तू कैसा है...
घर का क्या हाल है...
बच्चे कैसे हैं
वेतन मिला कि नहीं
बोनस मिलेगा
क्या नया खरीद रहे हो नये साल पर
क्या खाया आज ...
कहां घूमने गये थे...
थ्री इडियट देखी...तीस मार खां देखने चलोगे
छोटकू तो अब बड़ा हो गया होगा
शैतानी भी करता होगा
भाभी जी कैसी हैं
पूछा कभी ? 
पूर्णिया के भाजपा विधायक
की हत्या में बेचारी रूपम पाठक पर क्या बीत रही होगी
आखिर यूं ही कोई किसी को नहीं मारता
हत्या तक करने की यूं ही नहीं सोचता, यूं कोई 
बेवफा भी नहीं होता
पूछा कभी उसने
विधायक हत्याकांड की सीबीआई जांच होगी तो नतीजा
आरूषि हत्याकांड वाला ही होगा कि निष्पक्ष परिणाम भी निकलेगा
राज्य सरकार जो सत्ता मद में चूर है
वहां की जांच एजेंसी कुछ कर पायेगी
एक पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया
अब उसकी पत्नी की बात सुनो वो क्या कह रही है
क्या पचा पाओगे उसकी बात...।
अरे मेरे भाई
इलाहाबाद के पास टीटीई ने चलती ट्रेन से बिहार के एक दंपती को नीचे फेंक दिया।
पति की मौत हो गयी।
कभी तुमने विचारा हम कहां जा रहे हैं।
चंपारण में एक आयुर्वेदाचार्य ब्रजेश्वर मिश्र ने एडस की दवा खोजने  का दावा कर लिया है।
प्याज के दाम इतने क्यों भाग रहे हैं।
पूछा कभी मशीन ने
नहीं ना ...
तो फिर मुझसे क्यों कहते हो
मैं फोन नहीं करता, तुम्हारा हाल चाल नहीं लेता। नहीं करता तुमसे कोई बात।
ऐसा नहीं है कि मेरे मोबाइल में पैसे नहीं हैं...
मिस्ड काल तो मार ही सकता हूं
फिर भी मैं ऐसा नहीं करता।
तुम समझदार हो,समझते हो,समझ चुके हो।
 मैं तो मशीन हूं...।
मुझसे ऐसी उम्मीद आगे मत करना,क्योंकि मैं मानव रूपी शरीर में जिंदा तो हूं पर हूं एक मशीन,जो दिन भर,सुबह से रात तक आन रहता हूं,जिस मालिक का नमक खाता हूं उसके लिये सेवा
त्याग, समर्पण का प्रतीक हूं क्योंकि मैं
आदमी की शक्ल में एक मशीन हूं...।

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