Friday, December 24, 2010

वक़्त के हाथ में खंजर है

 अगर
मैं लौट कर नहीं आ सका तो 

मेरे सपनों को  मेरे साथ ही दफना देना
मेरे तकिये के 
नीचे
मेरे वजूद के छोटे-छोटे तुक्रे मिलेंगे
उन्हें
गंगा में बहा देना ।
आइने में मेरा वो पुराना चेहरा दबा होगा
उसे उतार लेना।
सामने वाले दु·ान पर ए· बूढ़ा बाबा बैठता है
उस·ा ·ुछ पैसा ब·ाया है
उसे लौटा देना
मेरे नाम से ·हीं अगर
·ोई चिट्टी आयी हो
उसे मेरे सिनें पर चिप·ा देना
अगर
मैं लौट ·र नहीं आ स·ा
दूध वाले,सब्जी वाले
अखबार वाले और धोबी ·ो
·ल से आने ·ो मना ·र देना
अगर
मैं लौट ·र नहीं आ स·ा
मेरे लिये आंसू मत बहाना
बेडरूम ·े ·ोने में पड़े डस्टवीन में
जो आंसुओं ·े बंूद हैं
उसे मेरे नाम बूढऩद में बहा देना
अगर
मैं लौट ·र नहीं आ स·ा
·ीचन में रखे खानों ·ो ·ौओं व ·ुत्तों में बांट देना
अगर
मैं लौट ·र नहीं आ स·ा ...।

मैथिली में प्र·ाशन
मंजूषा
विद्यापति सेवा संस्थान
आनंदपुर, हायाघाट दरभंगा ·  अं· दू पृष्ठ 37 पर

समय· हाथ में सुल्फा छै...
हम जॅ घुरि · नहि आबि स·ी
हमर सजाओल
सुंदर नव-नव सपना ·ेॅ
हमरे संग गाडि़-सुनगा देब।
हमर गेरूआ· तरमे
विक्स · चुनौटी सॅ दबायल
हमर संपूर्ण अस्तित्व
अभिलाषा
आं·ाक्षा
उत्·ंठा·
छोट-छोट टु·ड़ी भेटत
ओ·रा बुढऩद मे प्रवाहित-विसर्जित · देबै।
ऐना मे हमर ओ पुरान चेहरा
खुजैत हॅसैत ऑखि
सिस·ैत मुस्·ी
दबल पड़ल होयत
त·रा उतारि
·ोनो दोग मे राखि लेब
सामने दो·ानपर ए·टा बूढ़ा बाबा
बीड़ी पिबैत
खॉखैत
औॅघाइत
राति-दिन
बैसल रहै छथि
हुन· ·िछु उधार पैसा बॉचल हेतै
हिसाब · · हमर नाम हुन·
फाटल
गिदगिदाइत बही सॅ ·टबा देब।
हमरा लेल ·तौ सॅ
·ोनो स्मृति-पत्र आयल हो
तॅ ओ·रा हमरा छाती पर  साटि
बान्हि देब
जॅ घुरि · नहि आबि स·ी हम तॅ
दूघवाला
तर·ारीवाला
अखबारवाला

धोबिया·ेॅ
·ाल्हिसॅ आब लेल मना · देबै।
जॅ घुरि · हम नहि आबि स·ी
हमरा लेल ·ानब नहि...
हमर सुत वाला ·ोठली· ·ोनमे टूटल
झोल लागल
राखल डस्टबिन मे
जे नोर· ·िछु बुन्न पड़ले होयत
ओ·रा उठा
·ोरामे ल ·तहु
हमर हालाति· ·ात-·रोतमे ध देबै...
जॅ हम घुरि · नहि आबि स·ी
हमर ·ोठली· ·ोनमे फाटल
बोरा आ टूटल बॉस· फट्ठी स घेरल
भनसा घरमे राखल
बचल-खुचल
सुखल-टटैल
तर·ारी आ भात·ेॅ
·ौआ आ ·ु·ुर सभमे बॉंटि देबै...
जॅ भ स·य त
हमरा लेल एतबा ·ाज जरूर · देब
जॅ हम घुरि · नहि आबि स·ी ।


   
   
 

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